इंदौर में दो दिवसीय “नेशनल टैक्स कांफ्रेंस” संपन्न

इंदौर राष्ट्रीय जनभावना  ऑल इंडिया फैडरेशन ऑफ टैक्स प्रैक्टिश्नर्स एसोसिएशन, इंदौर सीए शाखा और टैक्स प्रैक्टिश्नर्स एसोसिएशन इंदौर के सयुंक्त तत्वावधान में दो दिवसीय "नेशनल टैक्स कांफ्रेंस" रविवार को सीए भवन में संपन्न हुई। द्वितीय दिवस के मुख्य अतिथि इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल के नेशनल प्रेसिडेंट सीए जी. एस. पन्नू ने कहा कि आयटीएटी फार्मल कोर्ट नही है। इसका कार्य करने का तरीका एवं इसके समक्ष आने वाले मामले अलग तरीके के होते है जिनकी तुलना सामान्य कोर्ट के मामलों से नहीं की जा सकती। हमे अपीलेट ट्राब्युनल को हाईब्रिड तरीके से; जिसमे ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों माध्यम से सुनवाई हो सके इसके लिये अलग तैयारी की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि ट्राब्युनल की सुनवाई को भी लाइव स्ट्रीम में करने की तैयारी की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि नॉलेज, नेटवर्क एवं ट्रांसफ़ॉर्मेशन इस कान्फ्रेस की थीम है एवं आने वाले समय में डेटा ही असली ताकत होगा। 
समय के साथ टेक्नोलॉजी के उपयोग के लिये हमें ज्ञान की भी आवश्यकता होगी। टैक्स डिपार्टमेंट के पास अभी बहुत डेटा उपलब्ध है। विभाग अभी तक सुप्त अवस्था में था परंतु अब समय चेंज हो रहा है। विभाग तकनीक का उपयोग कर डेटा माइनिंग कर रहा है। इस तरह की कान्फ्रेंसेस के माध्यम से ही नेटवर्कींग संभव है। भारत में नियम एवं कानून बनाने में बहुत समय लगता है यह एक आम अवधारणा थी परंतु यह अवधारणा अब बदल रही है। भारत अब टेक बिजनेस में आगे बढ़ रहा है एवं सर्विस एग्रीगेटर भी बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। सरकार भी इनोवेशन को बढ़ावा दे रही है एवं टेक्स एडमीनिस्ट्रेशन भी इससे अछूता नही है। ब्राजील जैसे देश भी हमसे एडवांस टैक्स फायलींग सिस्टम पर कार्य कर रहे है। 
ब्राजील में पब्लिक डीटीजल बुक कीपींग अस्तीत्व में आ चुकी है जिसके कारण टैक्स प्रशासन में पारदर्शीता बढ़ गयी है एवं कर संग्रहण रीयल टाईम बेसिस पर हो गया है। 
मुंबई के एडवोकेट अजय सिंह ने कहा कि आयकर रिओपनिंग किसी भी रोविंग इनक्वायरी के आधार पर नहीं की जा सकती। नोटिस के लिए विभाग के पास पुख़्ता इन्फ़ॉर्मेशन होनी चाहिए एवं उक्त इन्फ़ॉर्मेशन एवं टैक्स एवेज़न के बीच प्रॉपर नेक्सस होना चाहिए। उन्होंने कहा कि धारा 148 का नोटिस इशू करने के पहले विभाग को प्रॉपर इनक्वायरी एवं करदाता से जवाब मंगाना चाहिए। करदाता ने जो भी जवाब दिया है उसको ऑर्डर में प्रॉपर कंसीडर करना आवश्यक है। कर निर्धारण अधिकारी को स्पीकिंग ऑर्डर पास करना चाहिए। करदाता का कोई भी केस दस वर्षों तक विभाग रीओपन कर सकता है अतः करदाता को अपने बुक्स ऑफ अकाउंट न्यूनतम 10 वर्षों तक संभलकर रखना चाहिए।
नई दिल्ली से पधारे सुप्रीम कोर्ट सीनियर एडवोकेट जे के मित्तल ने कहा कि सर्च और सीजर के पॉवर का उपयोग बहुत विशिष्ट परिस्थितियों में होना चाहिए जबकि व्यावहारिक रूप से हर चौथे मामले में विभाग इसका इस्तेमाल कर रहा है। जीएसटी में सर्च के प्रावधान सीआरपीसी की धारा 70 के समान है। सर्च करने के पहले विभाग के पास कर अपवंचन हुआ है; इसके मजबूत आधार तथा कारण को रिकॉर्ड में लेने के बाद ही ज्यूरिडिक्शनल प्रोपर ऑफिसर सर्च वारंट जारी कर सकता है। ज्यूरिडिक्शनल प्रोपर ऑफिस ज्वाइंट कमिश्नर से नीचे की श्रेणी का नहीं हो सकता।
इन्वेस्टिगेशन और सर्च अलग अलग बाते हैं। विभाग इनकी रिपोर्टिंग एक ही फॉर्मेट में करता है जो कि ग़लत है। उन्होंने कहा कि सम्मन इंक्वायरी शुरू करने के लिएं नहीं वरन इन्वायरी के दौरान दिया जा सकता है।
ऑडिट की परिभाषा अनावश्यक रूप से विस्तृत कर दी गई है। अब जीएसटी ऑडिट सिर्फ़ एग्जामिनेशन ही नहीं वरन् इसमें स्क्रुटनी, असेसमेंट, वेरिफिकेशन सब कुछ शामिल हैं।
सूरत के एडवोकेट सीए अविनाश पोद्दार ने आरसीएम के जटिल प्रावधानों के बारे में बताया कि अगर कोइ सर्विस पर रिवर्स चार्ज याने सर्विस रिसीपिएंट को जीएसटी डिपाजिट करने की लायबिलिटी थी जबकि सप्लायर ने फॉरवर्ड चार्ज में इनवॉइस इश्यू करा। इस केस में रिसीवर को जीएसटी डिपाजिट करने की आवश्यकता नहीं होती क्योंकि सरकार के पास पहले ही जीएसटी प्राप्त हो चुका है।
उन्होंने कहा कि धारा 16(4) जो कि किसी भी फाइनेंशियल ईयर से संबंधित आईटीसी क्लैम करने की धारा होती है, के संबंध में डिपार्टमेंट द्वारा कई नोटिस जारी किए है जिसमे सितंबर के बाद रिटर्न भरने पर आईटीसी की छुट डिसअलाउड करने की बात की गई है। जबकि इस मुद्दे पर अभी कोर्ट में कई केस पेंडिंग है। 
नईदिल्ली से पधारे सीए अखिल गांधी जो कि इंफ़ोसिस की और से आयकर पोर्टल का मैनेजमेंट देखते हैं ने बताया कि इनकम टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन अब “टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन 3” बेस पर हो रहा है जिसमे टोटल टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन जिसमें रिटर्न प्रोसेसिंग भी शामिल है, टेक्नोलॉजी के द्वारा हो रहा है। 
संचालन कॉन्फ्रेंस सीआईआरसी सचिव सीए कीर्ति जोशी ने किया। अतिथि स्वागत कांफ्रेंस चेयरमैन सीनियर एडवोकेट सुमित नेमा, कांफ्रेंस सचिव सीए आनंद जैन, टीपीए प्रेसिडेंट सीए शैलेंद्र सिंह सोलंकी, सीए शाखा के चेयरमैन सीए मौसम राठी, सीए एस एन गोयल, टीपीए मानद सचिव सीए अभय शर्मा, एआईएफ़टीपीए के प्रेसिडेंट एडवोकेट पंकज घिया, सीए सोम सिंहल, सीए स्वर्णिम गुप्ता, सीए अतिशय खासगिवाला, सीए अमितेश जैन,सीए दीपक माहेश्वरी, सीए राजेश मेहता, सीए रजत धानुका सहित बड़ी संख्या में पूरे भारतवर्ष से पधारे सदस्य मौजूद थे। 

Comments

Popular posts from this blog

प्रकृति प्रेमी बन, छोटे-छोटे प्रयासों से पर्यावरण संरक्षण का बड़ा कार्य कर सकते हैं"

खंडवा से इंडियन मुजाहिदीन के आंतकी को एमपी एटीएस ने किया गिरफ्तार, लोन वुल्फ अटैक की थी योजना, निशाने पर थे सुरक्षा बल के जवान

इंदौर के विजय नगर थाना पुलिस ने अमेरिका से अल्प प्रवास पर आयी महिला पर्स कीमती मोबाइल ओर दस्तावेज त्वरित कार्यवाही कर एक घण्टे में फरियादीया को दिलवाए