व्यक्ति निर्माण से लेकर विश्व निर्माण में मां की भूमिका सर्वोपरि"

इंदौर राष्ट्रीय जनभावना -  मानव को धरती पर लाने वाली मां ही तो है। मां ही एक बीज को अपने लहू से सींचकर 9 महीने अपनी कोख में पालकर बच्चे के रूप में जन्म देती है। बच्चे के जन्म लेने से पहले ही मां की पालना शुरू हो जाती है। हमारी भारतीय संस्कृति में मां मदालसा की लोरी प्रसिद्ध है। इतिहास गवाह है अरुंधति, गार्गी, मैत्री, सती अनुसुइया आदि अनेकों विदुषी नारियां हुई है, जिन्होंने अपनी श्रेष्ठ भावनाओं से, श्रेष्ठ संस्कारों से समाज को संस्कारित किया।
 उक्त विचार बिलासपुर से पधारी छत्तीसगढ़ योग आयोग की पूर्व सदस्य, प्रख्यात विदुषी वक्ता ब्रह्मा कुमारी मंजू दीदी ने आज न्यू पलासिया स्थित ज्ञान शिखर ओम शांति भवन में पांच दिवसीय शिविर के अंतर्गत *"मातृ दिवस"* के उपलक्ष में आयोजित कार्यक्रम में उच्चारे । 
आपने कहा कि मां चाहे तो परिवार के सदस्यों को अच्छे से अच्छे संस्कार देकर सद्गुणी बनाकर समाज में महान परिवर्तन के निमित्त बन सकती है। वह संसार को स्वर्ग भी बना सकती है। इसलिए कहावत है - मां के कदमों तले जन्नत बसता है। आपने *"आंतरिक शक्तियों के विकास"* इस पांच दिवसीय शिविर के चौथे दिन में बताया कि हमें आंतरिक शक्तियों को बढ़ाने के लिए सर्वशक्तिमान परम सत्ता से अपना कनेक्शन जोड़ना है इसी का नाम राजयोग मेडिटेशन है। इसके लिए उस परमात्मा को पहचानने की अवश्यकता है।
इस अवसर पर वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रम्हाकुमारी अनिता ने कहा कि ईश्वर की महिमा में भी सबसे पहले त्वमेव माताश्य च पिता त्वमेव कहकर महिमा गाते हैं । वही हम सर्व आत्माओं के परमपिता है, उनकी सच्ची याद से आत्मा की सभी कमजोरियां दूर हो जाती है और सर्वगुण संपन्न जीवन बन जाता है। 
शेल्बी हॉस्पिटल की सुप्रसिद्ध फिजीशियन डॉक्टर शिल्पा देसाई ने अपना प्रैक्टिकल अनुभव सुनाते हुए कहा कि किस प्रकार एक मां निस्वार्थ प्यार देकर बच्चे को सशक्त बना सकती है और उसका जीवन बदल सकती है।
 माउंट आबू से पधारी वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर रमैया ने नारी की उच्चता का वर्णन करते हुए अपनी शुभकामनाएं दी ।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन द्वारा किया गया सभी मातृ शक्तियों को तिलक व स्लोगन देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रम्हाकुमारी उषा ने किया। पांच दिवसीय शिविर के पश्चात 16 मई से पांच दिवसीय एडवांस योग शिविर का आयोजन किया गया है। जिसका समय
प्रातः 7:30 से 8:30 और संध्या 7:30 से 8:30 तक रहेगा।

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