किसान उत्पादक सहकारी संस्थाओं के पंजीयन के लिये कृषकों को प्रोत्साहित करेंगे - मंत्री डॉ. भदौरिया
सहकारिता विभाग द्वारा किसान उत्पादक सहकारी संस्थाओं के गठन हेतु दिशा - निर्देश जारी भोपाल : बुधवार, दिसम्बर 16, 2020, सहकारिता एवं लोक सेवा प्रबंधन मंत्री डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ने कहा है कि भारत सरकार के कृषि एवं सहकारिता मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा किसान उत्पादक सहकारी संस्था (एफपीओ) के राज्य के सहकारिता अधिनियमों में पंजीयन हेतु निर्देश प्रदान कर विस्तृत कार्य योजना जारी की गई है। उन्होंने कहा कि किसान उत्पादक सहकारी संस्था के गठन हेतु मध्यप्रदेश सहकारिता अधिनियम 1960 के सुसंगत प्रावधानों के अनुरूप मॉडल बायलॉज का निर्माण किया गया है तथा सभी संयुक्त आयुक्त, उप आयुक्त व सहायक आयुक्त को निर्देशित किया गया है कि वे मैदानी स्तर पर कृषक संगोष्ठी आयोजित कर कृषकों को किसान उत्पादक सहकारी संस्थाओं के पंजीयन के लिये प्रोत्साहित करें।
मंत्री डॉ. भदौरिया ने कहा कि मध्यप्रदेश एक कृषि प्रधान राज्य है तथा कृषकों के सामाजिक आर्थिक विकास में सहकारिता का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। कृषकों को आत्मनिर्भर बनाने व संगठित रूप से कृषि सेवाओं की उपलब्धता, विपणन व नई तकनीकों के अंगीकार करने में सहकारिता में गठित किसान उत्पादक संगठन अपनी सार्थक भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि सहकारिता अन्तर्गत मॉडल बायलॉज के अनुसार किसान उत्पादक सहकारी संस्थाओं के गठन हेतु सहकारिता विभाग ने विस्तृत दिशा-निर्देश तैयार किये हैं।सदस्यों की संख्या कम से कम 21 होगी आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएँ डॉ. एम.के. अग्रवाल ने बताया कि किसान उत्पादक सहकारी संस्थाओं के गठन के लिये मॉडल बायलॉज में सदस्य संख्या, सदस्यों की पात्रता, कार्यक्षेत्र, अंशपूंजी के साथ ही कार्य योजना व अन्य प्रक्रियाएँ निर्धारित की गई हैं। मॉडल वायलॉज के अनुसार किसान उत्पादक सहकारी संस्था का पंजीयन सहकारिता अधिनियम 1960 के प्रावधान अनुसार हो तथा सदस्यों की संख्या कम से कम 21 हो, जो भिन्न-भिन्न परिवारों के हों। यह सदस्य सहकारी संस्था की सदस्यता की पात्रता रखते हों किन्तु भारत सरकार की योजना से लाभ प्राप्ति के लिये न्यूनतम 300 सदस्य की मापदंड की पूर्ति तथा दिशा-निर्देशों का पालन करने पर ही पात्रता आयेगी।

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