जब तक देश में प्रधानमंत्री मोदीजी है तब तक कोई एमएसपी नहीं हटा सकता-धर्मेन्द्र प्रधान , व्यापारियों की तरह अपनी फसल का मूल्य तय करने का अधिकार किसानों को है - कैलाश विजयवर्गीय , कांग्रेस भय और भ्रम की राजनीति कर रही है - नरोत्तम मिश्रा


इंदौर 16 दिसम्बर,2020/भारतीय जनता पार्टी के विशाल संभागीय किसान सम्मेलन की शुरूआत भारत माता, पं. दीनदयाल उपाध्याय, डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान, भाजपा राष्ट्रीय महासचिव श्री कैलाश विजयवर्गीय, केबिनेट मंत्री म.प्र. शासन श्री नरोत्तम मिश्रा, पूर्व सांसद व वरिष्ठ नेता श्री कृष्णमुरारी मोघे, संभागीय संगठन मंत्री जयपालसिंह चावड़ा, नगर  अध्यक्ष गौरव रणदिवे, जिला अध्यक्ष डॉ. राजेश सोनकर, कार्यक्रम प्रभारी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सांसद श्री नंदकुमारसिंह चौहान, प्रदेश महामंत्री सुश्री कविता पाटीदार, विधायक रमेश मेंदोला, सांसद शंकर लालवानी, सांसद छतरसिंह दरबार, गुमानसिंह डामोर, सुमेरसिंह सोलंकी, गजेन्द्र पटेल, केबिनेट मंत्री सुश्री उषा ठाकुर, विजय शाह, प्रेमसिंह पटेल, विधायक महेन्द्र हार्डिया, मालिनी गौड़, तुलसीराम सिलावट, आकाश विजयवर्गीय, सुदर्शन गुप्ता, जीतू जिराती, रंजना बघेल, मनोज पटेल, मधु वर्मा, उमेश शर्मा, सूरज कैरो और प्रेमनारायण पटेल ने की। सम्मेलन को संबोधित करते हुए केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि मैं आज ही मोदीजी से बात करके किसानों को दिल्ली जाना है या नहीं अवगत करा दूंगा। छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के चुनाव में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने गंगाजी की कसम खा कर कहा था कि हम सरकार बनने के 10 दिन के अंदर ही किसानों का कर्ज माफ कर देंगे जो नहीं किया। अब यह कहा जा रहा है एमएसपी बंद कर दिया जायेगा ऐसे ही कई झूठी बाते बनाकर कांग्रेस और विपक्षी देश में लोगों को भड़काने का काम कर रहे है, पहले साढे सात हजार करोड़ एमएसपी किसानों को दिया जाता था अब पन्द्रह हजार करोड़ दिया जाता है। हमारे देश के कृषि मंत्री नरेन्द्रसिंह तोमर ने कहा है कि एमसीपी जब तक नहीं हटाया जा सकता है तब तक देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी है और यह मैं लिखकर कर देने के लिये भी तैयार हूं।

कांन्ट्रेक्ट फार्मिंग में किसानों में यह भ्रम फैलाया जा रहा है आपकी जमीन व्यापारी खरीद लेगा, जबकि कांन्ट्रेक्ट फार्मिंग में एक इंच जमीन भी किसानों की कोई नहीं ले सकता है यह तो केवल फसल को बेचने के लिये पहले से किये जाने वाला करार है जिसके अंतर्गत किसान व्यापारी को कांन्ट्रेक्ट के तहत फसल को बोने के समय पहले से खाद-बीज का पैसा ले सकता है तथा फसल के तैयार होने पर वह फसल को व्यापारी को फसल बेच सकता हैं। कांन्ट्रेक्ट फार्मिंग में किसानों को कृषि बिल में यह प्रावधान किया गया है कि फसल तैयार होने पर यदि फसल के दाम बढ़ जाते है तो किसान किसी को भी अपनी फसल बेच सकता है और यदि फसल तैयार होने पर फसल के दाम तय किये गये दाम से कम है तो व्यापारी को वह फसल खरीदनी होगी और नहीं खरीदेगा तो बिल के प्रावधान के तहत उचित कार्यवाही करने का अधिकार किसानों को दिया गया है।
10 हजार एफपीओ बनाये जा रहे है जिसके अंतर्गत कंपनी चलाने के लिये किसानों को भी उसमें जोड़ा जायेगा। डेयरी में कोई बंधन नहीं है जिसके कारण मछली पालन में 10 प्रतिशत वार्षिक बढ़ोत्री दर्ज की गई है, दुध में 4 प्रतिशत की बढोत्री दर्ज हुई है।
यह अंग्रेजों के समय का कानून है जिसमें प्रावधान थे कि किसान अपनी फसल बाहर बेच नहीं सकते है। बिचोलियों के माध्यम से ही बेच सकते है लेकिन मोदीजी ने यह कानून बनाकर किसानों को यह छूट दी है कि वह अपनी फसल कहीं भी बेच सकता है। उर्जा खेती 2014 के अंतर्गत किसानों के उत्पादन मूल्य घटे तथा उसे बाजार में मूल्य में अधिक से अधिक फायदा हो उसका प्रयास मोदी सरकार कर रही है।
मध्यप्रदेश में सालाना 65 हजार करोड़ रूपये पेट्रोलियम की ब्रिकी वर्तमान में कर रहे है इंदौर वासियों को बधाई देना चाहता हूं कि उन्होंने कचरे से उर्जा बनाने का शुरू कर दिया है। आने वाले दिनों में चावल, मक्का, गन्ना अन्य कृषि वेस्ट तथा कचरे से 8 से 10 करोड़ रूपये की उर्जा बनाने का काम प्रदेश में किया जायेगा, जिसकी शुरूआत इंदौर से होगी।  
राष्ट्रीय महासचिव श्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि किसानों के नाम पर आज आंदोलन कौन कर रहा है ये सभी जानते है कि पप्पू हमेशा से ही चाहे वाहे सीएए को विरोध करने वाली गेंग हों चाहे राम मंदिर का विरोध करने वाले लोग हो, सभी के साथ पप्पू और उसकी पार्टी खड़ी रहती है।

हमारे देश की सीमा पर पहले सिपाहियों के सर पड़ोसी देश की सेना के जवान लेकर चले जाते थे और हमारे पहली की सरकार कुछ नहीं करती थी, सिर्फ हाथ जोड़े खड़ी रहती थी लेकिन अब अगर हमारे सेना का एक जवान शहीद होता है उसके बदले हमारी सैना पड़ोसी देश के 10 जवानों को मारती है। यह सब हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ही संभव हो सका है और सेना को अब सर्जीकल स्ट्राईक या एयर स्ट्राईक करना है तो वह खुद निर्णय लेकर अपने अनुसार काम कर सकती है। ऐसे राष्ट्रवादी प्रधानमंत्री पर विपक्षी दल द्वारा शक करने का उन्हें नैतिक हक नहीं है।
अगर हम कपड़े खरीदने जाते है तो कपड़े का भाव कपड़े वाला तय करता है, बर्तन का भाव बर्तन वाला, मोटरसाईकिल का भाव व्यापारी तय करते है तो किसानों की फसल का भाव किसान क्यों नहीं तय कर सकता है मोदीजी ने इसी अंग्रेजों के समय से चले आ रहे काले कानून को खत्म करके यह नये कृषि बिल बनाये है जिसके माध्यम से किसान अपनी फसल चाहे तो मंडी में बेंच सकता है, चाहे तो मंडी के बाहर कही भी बेच सकता है, उन्हें पूरी स्वंतत्रता दी गई है, मोदीजी ने किसानों को व्यापारी बनाने के लिये इस कानून के माध्यम से अधिकार दिया गया है कि वह अपनी फसल कहीं भी बेचे उसका फायदा किसानों को मिले जिससे उसकी आय दो गुनी हो सके इसी का प्रयास मोदीजी ने किया है।
हमारे देश की बाहरी सीमा पर बाहरी शत्रुओं से देश की रक्षा सैनिक करते है जबकि देश में कुछ आंतरिक शत्रु है तो हर अच्छे काम में विरोध करते है। हमें देश के अंदर के शत्रुओं को निपटाना होगा। प्रजातंत्र तब मजबूत होता है जब जवाबदार विपक्ष होता है। हमारे देश का विपक्ष जवाबदार नहीं है और अपनी बातों पर कायम नहीं रहता है। हमारे प्रधानमंत्री कहते है कि पहले देश है उसके बाद दल है। विपक्ष के गैर जवाबदार होने के कारण देश में समस्यां बढ़ती जा रही है।
जय जवान जय किसान के नारे को सार्थकता देने का काम मोदीजी ने किया और जय विज्ञान के नारे को परमाणु बम फोड़कर हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटलबिहारी वाजपेयी जी ने सार्थकता दी थी, इस देश के सम्मान को कुछ लोग नजर लगा रहे है कृषि बिल देश और किसानों के लिये है।
कृषि बिल के समर्थन में मध्यप्रदेश के किसान ट्रेक्टरों पर सवार होकर दिल्ली कूच करने के लिये तैयार है अगर नेतृत्व से आव्हान किया जाता है तो हमारे इंदौर के किसान एक लाख टै्रक्टरों पर चार लाख की संख्या दिल्ली जाने के लिये तैयार है।
केबिनेट मंत्री श्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मेरी बात समझ में नहीं आई कि किसान दिल्ली में बैठे लोग यह चाहते है कि किसान उनकी फसल नहीं बेंचे और जो लोग दिल्ली में बैठे है यह स्पष्ट करें कि कांग्रेस का कानून सही था जिसमें किसान कर्ज लेता था, कर्ज में जीता था और कर्ज में ही मर जाता था तथा विरासत में ही कर्ज छोड़कर चला जाता था, क्या यह सही था। किसान अपनी फसल कहीं भी क्यों नहीं बेंच सकता है। जो इस कृषि बिल में प्रावधान किये गये, कांग्रेस ने हमेशा से ही भय और भ्रम की राजनीति की है, कांग्रेस पार्टी हमेशा से ही दूसरे के ललना को अपने पलने में पालने का प्रयास करती है। कांग्रेस हर आंदोलन में जो देश के विरोध में हो, जैसे सीएए का विरोध करने वाले, टूकड़े-टूकड़े गेंंग से मिलकर देश में अराजकता का माहौल पैदा करने का प्रयास करती है। कांग्रेस ने सीएए का विरोध करने के लिये भ्रम पैदा किया कि तीन पीड़ियों के कागज मुस्लिम लोगों से मांगे जायेंगे, अगर नहीं दिये तो उनको देश से भगा दिया जायेगा, अब किसानों को भ्रमित कर रहे और देश के वातावरण को खराब करने का काम कांग्रेस कर रही है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने इंदौर संभाग में अपनी रैली के दौरान कहा था कि हम 10 दिन में किसानों का कर्जा माफ कर देंगे, बेरोजगारों को 4 हजार रूपये महिना भत्ता देंगे, ऐसे कई झूठी घोषणाएं की थी जो पूरी नहीं हो सकी थी। ऐसे ही कांग्रेस झूठ बोलकर देश में राज करते आई है।
मध्यप्रदेश का किसान समझदार है, इसलिये किसान भाईयों ने किसान आंदोलन से दूरी बनाकर रखी है। मध्यप्रदेश पहला ऐसा राज्य है, जिसने प्रदेश में कृषि केबिनेट बनाई और अलग से कृषि बजट का प्रावधान किया है, इसके साथ-साथ जिरो प्रतिशत ब्याज दर पर किसानों को कृषि ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है इसके साथ ही बिजली सेपरेशन का काम किया गया है जिसकी वजह से घरेलू उपभोक्ताओं तथा किसानों को सुगमता से बिजली प्रदाय की जा सके। लॉकडाउन के समय प्रदेश में गेहूं की ऐतिहासिक खरीदी की गई जो पूरे देश में सबसे अधिक थी। इंदौरवासियों को मैं दिल से धन्यवाद देना चाहता हूं कि जिन्होंने लॉकडाउन के समय प्रवासी मजदूरों को अपने क्षेत्र से गुजरने पर उनकी सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए खाना, जूते-चप्पल, कपड़े उपलब्ध कराये थे।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, सांसद श्री नंदकुमारसिंह चौहान ने कहा कि किसानों का जीवन स्तर उठाने के लिये हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री कृषि सुधार बिल लाये है जिसके समर्थन में आज हजारों किसान आये है। देश की राजनैतिक पार्टियां अपनी-अपनी राजनैतिक रोटियां सेकने में लगे हुई है और वे कुछ मुट्ठीभर लोग इकट्ठा करके कृषि बिलों का विरोध करने में लगी हुई है लेकिन देश का किसान बहुत अच्छे से जानता है कि किसानों का भला केवल भाजपा ही कर सकती है। इसलिये सभी किसान प्रधानमंत्री के समर्थन में आज यहां इकट्ठे हुए है।
मैं कांग्रेस के साथियों से कहना चाहता हूं कि जब से देश आजाद हुआ है तब से 60 साल तक कांग्रेस ने कभी किसानों की सुध नहीं ली है और ना ही किसानों की हालत में सुधार लाने का प्रयास किया है, जबकि हमारे देश के प्रधानमंत्री मोदीजी ने मात्र 6 साल में किसानों की आय को डेढ़ गुना करके दिखाया है। किसानों के सम्मान के लिये मोदीजी ने किसान सम्मान निधि 6 हजार रूपये तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने 4 हजार रूपये जोड़कर कुल 10 हजार रूपये प्रतिवर्ष देने का फैसला हमारे किसान भाईयों के लिये लिया है। 7 करोड़ 93 लाख किसानों को फसल बीमा का लाभ मिला है। मोदीजी जो भी अच्छा काम करते है। विरोधी देश में भ्रम पैदा करने का प्रयास करते है जबकि यह कृषि बिल आने वाले समय में किसानों के लिये बहुत फायदा का सौदा होगा।
सम्मेलन को केबिनेट मंत्री सुश्री उषा ठाकुर, श्री प्रेमसिंह पटेल, प्रदेश महामंत्री सुश्री कविता पाटीदार, विधायक एवं वरिष्ठ नेता श्री तुलसीराम सिलावट ने भी संबोधित किया।
इस अवसर प्रमुख रूप से पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस, अंतरसिंह आर्य, बालकिशन पाटीदार, विधायक नीना वर्मा, संजय बघेला, सरदारसिंह मेणा, विरेन्द्र बघेल, गोपाल कन्नोज,देवेन्द्र वर्मा, राम डागोर, सुमित्रादेवी कास्डेकर, आत्माराम पटेल, भूपेन्द्र आर्य, नारायण पटेल, हितेन्द्रसिंह सोलंकी, धूलसिंह डाबर, अंतरसिंह पटेल, दीवानसिंह पटेल, नारायणसिंह चौहान, माधवसिंह डाबर, कलरिंह भामर, निर्मला भूरिया, भानू भूरिया, जिला अध्यक्ष राजीव यादव, लक्ष्मण नायक, वकीलसिंह ठाकुर, राजेन्द्रसिंह राठौर, ओम सोनी, मनोज लधवे, कैलाश पाटीदार, मुकेशसिंह राजावत, गणेश गोयल, घनश्याम शेर, नानूराम कुमावत, कमल बाघेला, जयंत भिसे, जयदीप जैन, बलराम वर्मा, विष्णुप्रसाद शुक्ला, सतीश शर्मा, जवाहर मंगवानी, मुकेश मंगल, देवकीनंदन तिवारी, मुकेश जरिया, श्रवणसिंह चावड़ा, विनोद चंदानी, कंचनसिंह चौहान, गोपालसिंह चौधरी, रवि रावलिया, उमानारायण पटेल, देवराजसिंह परिहार, गुमानसिंह पंवार, चिन्टू वर्मा, सुखलाल मंसारे  महेन्द्रसिंह ठाकुर, चन्दू शिन्दे, भारती पाटीदार, रामस्वरूपसिंह गेहलोद सहित संभाग के बड़ी संख्या में किसान व कार्यकर्ता उपस्थित थे।
सम्मेलन का संचालन प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक श्री जीतू जिराती ने किया एवं अंत में आभार पूर्व विधायक मनोज पटेल ने माना।
 

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