किसी भी कंपनी की साख और विश्वश्नीयता के लिए खतरा है फेक न्यूज़: प्रोफेसर भावना पाठक
इंदौर 27 नवम्बर 2020 प्रेस्टीज प्रबंध शोध संस्थान के बी बी ए फैमली बिज़नेस विभाग द्वारा सूचना की इस महामारी से बचने के लिए 27, 2020 नवंबर को फैक्टशाला ट्रेनिंग का आयोजन किया गया। दो घंटे चली इस कार्यशाला में फैक्टशाला ट्रेनर प्रोफेसर भावना पाठक ने बताया कि फेक न्यूज़ हर किसी के लिए घातक है, इतनी घातक की कभी वो मॉब लिंचिंग का रूप ले लेती है तो कभी कोरोना वायरस की नकली दवा बन कई लोगों को मौत के घाट उतार देती है। कोरोना वायरस की दवा तो देर सबेर आ ही जायेगी पर फेक न्यूज़ के इस वायरस से हमें न तो कोई मास्क बचा सकता है और न ही सेनेटाइज़र। इससे बचने का एक ही उपाय है "मीडिया लिटरेसी।" हाल ही में सोशल मीडिया पर एक जानी मानी ज्वेलरी कम्पनी का फेक वीडियो ये कहते हुए वायरल हुआ की उस कंपनी में सोने के गहनों में मिलावट होने के कारण उसके एक सेंटर पर पुलिस की रेड पड़ी, जब खबर की जांच पड़ताल हुयी तो पता चला वो पुलिस की रूटीन विजिट थी। इसी तरह एक कंपनी के आटे में प्लास्टिक होने की बात खूब वायरल हुयी बाद में जांच में ये पाया गया की ग्लूटेन नामक प्रोटीन की वजह से आटे में इलास्टिसिटी थी न की प्लास्टिक की वजह से। फैमिली बिज़नेस के बच्चों को बिज़नेस कंपनियों का उदहारण देते हुए प्रोफेसर भावना पाठक ने बताया कि फेक न्यूज़ किसी भी कंपनी की साख और विश्वश्नीयता को पल भर में धूमिल कर सकती है। एक फेक वीडियो या मॉर्फ की गयी तस्वीर किसी भी कंपनी को उनके ग्राहक की नज़र में गुनाहगार बना सकती है। फेक न्यूज़ बड़ी बड़ी कंपनियों के सामने में सुरसा की तरह मुँह बाए खड़ी है। यही वजह है कि फेक न्यूज़ से निपटने के लिए अब बड़े बड़े कॉर्पोरेट भी लामबंद हो रहे है और उनकी कंपनी से सम्बंधित फेक न्यूज़ को खारिज करने के लिए फैक्ट चेकिंग की राह पकड़ रहे हैं।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए बी बी ए फैमली बिज़नेस प्रोग्राम की कोर्डिनेटर डॉक्टर भारती मालुकानी ने कहा कि आज सूचना के इस दौर में सूचना का सही और रणनीतिक इस्तेमाल हमारे बिज़नेस को उंचाईयों पर ले जा सकता है तो गलत इस्तेमाल हमारी बनी बनायी इमेज को ख़राब भी कर सकता है। हमें एक सजग और मीडिया लिटरेट नागरिक की तरह सही और गलत सूचना के बीच फर्क करना आना चाहिए। कार्यशाला के सभी प्रतिभागियों ने यह प्रण लिया कि आगे से वो सोशल मीडिया पर आने वाली किसी खबर को बिना जांचे परखे आगे फॉरवर्ड नहीं करेंगे.
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