कलेक्टर द्वारा सभी कार्यालय प्रमुखों को आदर्श आचार संहिता के पालन और संपत्ति विरुपण अधिनियम की रोकथाम हेतु कार्यवाही करने के निर्देश
इंदौर 29 सितम्बर, 2020 कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री मनीष सिंह ने विधानसभा उपचुनाव-2020 के संबंध में जिले में आयुक्त नगर निगम, मुख्य कार्यपालन अधिकारी इंदौर विकास प्राधिकरण, महाप्रबंधक दूरसंचार विभाग, महिला एवं बाल विकास अधिकारी, कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग, कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग, कार्यपालन यंत्री गृह निर्माण मण्डल, समस्त परियोजन अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग, समस्त विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी, सीईओ जिला पंचायत, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, परियोजना निदेशक भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, जिला शिक्षा अधिकारी, समस्त सीईओ जनपद पंचायत, स्टेशन अधीक्षक रेल्वे इंदौर, समस्त विकासखण्ड स्वास्थ अधिकारी, समस्त कार्यालय प्रमुख, समस्त सीएमओ नगर पालिका को निर्देशित किया है कि वे आदर्श आचार संहिता और संपत्ति विरुपण अधिनियम की रोकथाम हेतु प्रभावी क्रियान्वयन की कार्यवाही करें।सांवेर विधानसभा उपचुनाव के मद्देनजर समस्त शासकीय एवं अर्द्धशासकीय निकायों में अधिकारियों या कर्मचारियों से आदर्श आचार संहिता का पालन करना अनिवार्य है। यह उल्लेखनीय है कि इस उप चुनाव में आदर्श आचार संहिता केवल सांवेर विधानसभा क्षेत्र में प्रभावशील रहेगी। शेष जिले में इसका प्रभाव नहीं रहेगा किन्तु जिला स्तर के किसी भी आदेश को जारी करते समय यह देखा जाये कि उसका कोई प्रभाव सांवेर विधानसभा क्षेत्र में प्रभावशील आदर्श आचार संहिता पर प्रभाव न पड़े। अर्थात कोई भी विभाग अगर ऐसा कोई आदेश जारी करता है, जिससे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होता है तो संबंधित अधिकार के उल्लंघन के लिये उत्तरदायी होगा।साथ ही संपति विरूपण अधिनियम के तहत भी सांवेर विधानसभा क्षेत्र में आदर्श आचार संहिता का पालन किया जाना संबंधित विभागों के लिये आवश्यक है। निर्वाचन अयोग द्वारा निर्देश दिये गये हैं कि चुनाव अभियान के दौरान भवन के मालिक की लिखित अनुमति लिये बिना निजी व सार्वजनिक भवनों पर पोस्टर चिपकाने, नारे लिखने आदि करके विरूपित करने वाले राजनैतिक दल, संघ, निकाय, अभ्यर्थी या उनके कार्यकर्ता, समर्थक के विरुद्ध सम्पत्ति विरूपण अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाये। यहाँ यह स्पष्ट किया जाता है कि सार्वजनिक भवनों में सार्वजनिक सम्पत्ति में जैसे राजपथ या सड़कों, महत्वपूर्ण चौराहों, सार्वजनिक मार्ग के मील के पत्थरों, रेल्वे लेवल क्रासिंग पर लगे हुये सूचना पट्ट, रेल्वे प्लेटफार्म की पट्टिकायें, बस स्टैण्ड पर मार्ग निर्देश बताने वाले साइन बोर्ड या सर्व साधारण की सुविधा के लिए प्रदर्शित किये गये साईन बोर्ड भी शामिल हैं। "कोई भी, जो सम्पत्ति के स्वामी के लिखित अनुज्ञा के बिना सार्वजनिक दृष्टि में आने वाली किसी सम्पत्ति को स्याही, खड़िया, रंग या किसी अन्य पदार्थ से लिखकर या चिन्हित करके उसे विरूपित करेगा, वह जुर्माने से, जो एक हजार रूपये तक का हो सकेगा, दण्डनीय होगा" अतएव जिले के अधिकारीगण क्षेत्र का भ्रमण कर, विशेष रूप से दीवारों या सार्वजनिक व निजी भवनों पर निर्वाचन पोस्टरों, नारों के लिखने, निर्वाचन प्रतीक चिन्हों आदि से रंगने से हुये विरूपण के सम्बन्ध में जानकारी एकत्र कर, यह सुनिश्चित करायेंगे कि क्या इन विरूपों को भवन स्वामी की विशिष्ट अनुमति प्राप्त है। यदि अनुमति नहीं ली गई है तो आयोग के निर्देशानुसार विरूपण की समाप्ति की कार्यवाही की जाये। यदि आवश्यक हो तो ऐसे सम्बन्धित व्यक्तियों के विरूद्ध अभियोजन प्रारम्भ किया जाये, जो इसके लिए उत्तरदायी है।जारी निर्देशानुसार शासकीय भवन, बिजली-खंभे, टेलीफोन-खम्बा, राजपथ या सड़कों, महत्वपूर्ण चौराहों, सार्वजनिक मार्ग के पत्थरों, रेल्वे लेवल क्रासिंग पर लगे हुये सूचना पट्ट, रेल्ये प्लेटफार्म की पट्टिकायें, बस स्टैण्ड पर मार्ग निर्देश बताने वाले साईन बोर्ड या सर्व साधारण की सुविधा के लिए प्रदर्शित किये गये साइन बोर्ड अथवा अन्य सार्वजनिक स्थलों पर यदि सम्पत्ति विरूपण किसी भी राजनीतिक दल या व्यक्ति द्वारा किया जाता है तो सम्बन्धित विभाग के स्थानीय अधिकारी थाने में मध्यप्रदेश सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 1994 की धारा-3 के तहत एफ.आई.आर. दर्ज करवायेंगे एवं धारा-5 के तहत लिखावट आदि मिटाने की कार्यवाही कर, उस पर किये गये व्यय की प्रतिपूर्ति को दोषी पाये जाने वाले व्यक्ति से भू-राजस्व की बकाया के रूप में वसूलने की कार्यवाही करेंगे तय की गई कार्यवाही से प्रति सप्ताह (सोमवार) विहित प्रारूप में अवगत कराया जायेगा। यदि जानकारी निरंक हो तो भी इसकी जानकारी यथासमय दी जायेगी।जारी निर्देशानुसार यह भी स्पष्ट किया जाता है कि यदि बाद में किसी भी समय यह सिद्ध होता है कि किसी राजनीतिक दल से सम्बन्धित किसी उम्मीदवार ने निजी या सार्वजनिक किसी भूमि, भवनों, परिसर, दीवार आदि का उपयोग स्वामी या अध्यासी की अनुमति के बिना किया है तो आयोग सम्बन्धित राजनीतिक दल के विरुद्ध कार्यवाही सहित सम्बन्धित अधिकारियों के विरुद्ध भी कार्यवाही करेगा, जो उपयुक्त होगी। यदि यह पाया जाता है कि सम्पत्ति विरूपण किसी दल या व्यक्ति द्वारा किया गया है तो उसे अपने स्वयं के व्यय पर सफेदी करवाना होगा। किसी विरूपण के सम्बन्ध जिम्मेदारी तय न होने की दशा में उक्त विरूपण को तत्काल समाप्त करते हुए पृथक से विरूपणकर्ता के विरूद्ध जॉच कर, पहचान की कार्यवाही की जायेगी। सभी अनुविभागीय दण्डाधिकारी एवं नगर पुलिस अधीक्षक अपने-अपने क्षेत्र का सतत् भ्रमण एवं निगरानी करेंगे तथा यदि कहीं विरूपण समाप्त किये जाने की कार्यवाही नहीं की जा रही हो तो जिम्मेदारी का निर्धारण करते हुए कार्यालय को तत्काल सूचित करेंगे ताकि दोषी अधिकारी या कर्मचारी के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जा सके।
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