मलेरिया निरोधक माह 1 से 30 जून तक मनाया जायेगा । जिला अन्तरविभागीय समन्वय कार्यशाला एवं टास्क फोर्स समिति की बैठक आयोजित

  आगर-मालवा, 28 मई 2020 प्रतिवर्षानुुसार इस वर्ष भी 1 जून से 30 जून की अवधि में मलेरिया निरोधक माह मनाया जाएगा। माह को लेकर गुरूवार को कलेक्टर श्री संजय कुमार की अध्यक्षता में जिला अन्तरविभागीय समन्वय कार्यशाला एवं टास्क फोर्स समिति की बैठक आयोजित की गई। जिला मलेरिया अधिकारी प्रेमलता डाबी ने मलेरिया निरोधक माह के दौरान की गतिविधियों पर विस्तृत पाॅवर प्रजेन्टेशन दिया गया। 
  बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. विजय कुमार सिंह, सिविल सर्जन डाॅ. एसके पालीवाल, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. अरविन्द विश्नार, जिला आयुष अधिकारी डाॅ. महेश कडारिया, जिला मीडिया अधिकारी आरसी ईरवार, ब्लाॅक मेडिकल आॅफिसर डाॅ. राजीव बरसेना, डाॅ. कुलदीप राठौर, डाॅ. विवेक पुल्लैया, डा. विजय राठौर सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।  कलेक्टर ने बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि मलेरिया एक संचारी रोग है, जो मादा एनाफ्लीज मच्छर के काटने से फैलता है, यह मच्छर रात के समय काटता है। इसके रोकथाम के लिए संबंधित विभाग आपसी समन्वय से स्थापित कर प्रयास करे। जिले में 30 जून तक मनाए जा रहेे  मलेरिया माह में सभी के विभागों सहयोग जन-जागरूकता लाई जाए। मलेरिया, डेंगू आदि बीमारी के बचाव हेतू सावधानी संदेश दीवार लेखन एवं प्रचार-प्रसार वाहनों को माध्यम से आमजन को दें। कलेक्टर ने कहा कि किसी भी बीमारी को फैलने से रोकने के लिए उसकी पहले से तैयारी रखना नितांत आवश्यक है। इसके लिए जिला स्तर से एक अच्छी प्लानिंग रखी जाए। 
 कलेक्टर ने कहा कि मादा एनाफ्लीज मच्छर का लार्वा अधिक दिनों तक किसी बर्तन एवं टंकियों में बारिश का पानी जमा रहने पर पनपता है। इसके लिए आवश्यक है कि घरों की छत पर रखी खुली टंकियां को ढंककर रखे, टूटे-फूटे वर्तन, मटके गमलो में पानी एकठ्ठा न होने दें। घरों के आसपास गढ्डो एवं नालियों में पानी जमा न होने दें। यदि पानी रूका हुआ है तो टीमोफॉस या जला हुआ डालें, ताकि लार्वा न पनपे। घरों में रखें कूलर का पानी हर सप्ताह बदले, सोते वक्त मच्छरदानी का प्रयोग करे एवं एवं फूल आस्तीन के कपड़े पहनकर सोये, किसी भी प्रकार की बुखार में तत्काल रक्त पट्टी बनवाएं तथा निकटतम स्वास्थ्य संस्था में जाकर निःशुल्क उपचार कराए। 
 कलेक्टर ने बैठक में टीकाकरण कार्यक्रम, स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित राष्ट्रीय कार्यक्रमों में प्रगति, संस्थागत प्रसव की जानकारी एवं गर्भवती महिलाओं के पंजीयन आदि की भी विस्तृत समीक्षा की गई। उन्होंने जिले में स्थापित फिवर क्लीनिक के बारे में समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए गए।


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