गोल्डन फॉरेस्ट की भूमि मामले में कुख्यात राजू गाइड एसटीएफ इंदौर के रिमांड पर ।
इंदौर -- श्री पद्मविलोचन शुक्ला पुलिस अधीक्षक एस.टी.एफ. इन्दौर द्वारा बताया गया कि , गोल्डन फॉरेस्ट लिमिटेड की ग्राम हरसोला की भूमि पर कूटरचित दस्तावेजो के आधार पर शान्ति पेराडाईज नामक कॉलोनी विकसित कर विक्रय करने वाले प्रकरण में एस.टी.एफ. इकाई द्वारा आज हिस्ट्रीशीटर सुभाष तोमर उर्फ राजेन्द्र सिंह तोमर उर्फ राजू गाईड पिता देवीसिंह तोमर को प्रॉडक्शन वारंट में दो दिन के पुलिस रिमाण्ड पर लाया गया।
उल्लेखनीय है कि गोल्डन प्रोजेक्ट लिमिटेड की ग्राम हरसोला की भूमि पर कूटरचित दस्तावेजो के आधार पर लगभग 21 एकड भूमि को अपने नाम कराने एवं विक्रय करने वाले प्रकरण में एस.टी.एफ. टीम द्वारा सचिन्द सोनी उर्फ सचिन सोनी निवासी भोपाल दमयंतीबाई पति श्यामलाल शिवदे निवासी हरसोला और शान्ति पैराडाईज के शैलेन्द्र अग्रवाल निवासी तुकोगंज को गिरफतार किया गया था। प्रकरण के आरोपी अमित अग्रवाल शैलेन्द्र अग्रवाल और दमयंतीबाई को माननीय न्यायालय द्वारा जमानत पर रिहा किया गया है।
श्री शुक्ला ने बताया कि एस.टी.एफ. टीम के उप निरीक्षक श्यामकिशोर त्रिपाठी एवं सउनि अमित दीक्षित द्वारा प्रकरण में दस्तावेजो का सूक्ष्म परीक्षण करने पर पाया गया कि गोल्डन प्रोजेक्ट की इस भूमि को प्राप्त करने के लिए विनिता सोनी से भी एक अनुबंध किया गया था। इसी गैंगस्टर द्वारा बाद में इस जमीन को दमयंतीबाई को विक्रय करा दी थी। बाद में दमयंतीबाई के उपर काफी दबाव डाला जाकर इस भूमि को अपने हिसाब से बिकवाने के लिए दो-तीन लोगो के नाम से अनुबंध करायेे गये थे जिसकी तस्दीक की जा चुकी है एवं ऐसे लोगो के विरूद्व भी कार्यवाही की जा रही है।
इस भूमि के लिए आरोपिया दमयंतीबाई द्वारा एक अनुबंध मनीष सोनी पिता भरतलाल सोनी निवासी 3 पाराशर नगर इन्दौर से किया गया था जिनके द्वारा सहमतिदाता के रूप में यह भूमि एस.जी.पी. इन्फ्राकॉन इण्डिया लिमिटेड के अमित अग्रवाल और शैलेन्द्र अग्रवाल को 2 करोड दस लाख रूपयें में बिकवाई थी और उनसे प्राप्त राशि में से ज्यादा राशि स्वयं रखने के लिए इन्दौर शहर के कुख्यात गुण्डे राजू गाईड के नाम का उपयोग करते हुए उसके नाम का एक अनुंबंध तैयार कराया गया और उसके नाम से स्वयं के बैंक खाते के 4550000-00 के चेक दिखाकर दमयंती बाई से यह राशि प्राप्त की गई थी। इन चेक के आधार पर दमयंती बाई से राशि प्राप्त की गई और राजू गाईड को उसके पूर्व अपराधिक इतिहास के आधार पर मात्र 5 लाख रूपयें की राशि दी गई और शेष राशि स्वयं द्वारा रखी जाकर बडा मुनाफा कमाया गया था।
प्रकरण में मनीष सोनी पिता भरतलाल सोनी निवासी 3 पाराशर नगर की अहम भूमिका रही है जिसने सोनीसन्स रियल इस्टेट प्रा.लि. के नाम से इस सौदे को किया जाकर बाद में अपनी फर्म को बन्द कर दिया था। एस.टी.एफ. द्वारा मनीष सोनी की तलाश की जा रही है।
सम्पूर्ण प्रकरण में कुख्यात गैंगस्टर भू-माफिया बिल्डर माफिया और कई बिचोैलियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। साथ ही इस कॉलोनी के भूखण्डों को भोले-भोले लोगो को राष्ट्रीकृत बैंको से एप्रूव्ड प्रोजेक्ट का झांसा देकर भूखण्ड बिकवाने वाले प्रापर्टी ब्रोकर्स की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
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