एस.टी.एफ. इंदौर की बडी कार्यवाही रेपिड रिसर्च टेक्नोलॉजीस एडवाईजरी कम्पनी पर प्रोपायटर सहित 47 कर्मचारी हिरासत में ।
फर्जी नामों से कर रहे थे कॉलिंग
सेबी के एडवाईजरी एक्ट का हो रहा था उल्लंघन
इंदौर ----डॉ. श्री अशोक अवस्थी अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एस.टी.एफ. मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा सेबी से पंजीकृत और अपंजीकृत एडवाईजरी कम्पनियों के विरूद्व कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया था।
पùविलोचन शुक्ला पुलिस अधीक्षक एस.टी.एफ. इन्दौर द्वारा बताया गया कि एस.टी.एफ. इकाई के सहायक उप निरीक्षक अमित दीक्षित को सूचना प्राप्त हुई थी कि रेपिड रिसर्च टेक्नोलॉजीस नामक शेयर डवाईजरी कम्पनी के कर्मचारियों द्वारा स्वयं की पहचान छुपा कर छद्म नाम से लोगो को कॉल कर लुभावने रिर्टन्स का प्रलोभन देते हएु निवेशकों से राशि प्राप्त की जा रही है। प्राप्त सूचना के आधार पर एस.टी.एफ. इकाई इन्दोैर के उप निरीक्षक श्याम किशोर त्रिपाठी सहायक उप निरीक्षक अमित दीक्षित प्रआर. झनकलाल पटेल आर. विवेक द्विवेदी विराट यादव आशीष मिश्रा राहुल रमनवाल को सूचना की तस्दीक हेतु रवाना किया गया। टीम द्वारा प्राप्त सूचना के आधार पर रेपिड रिसर्च टैक्नोलॉजीस के मेहता मेन्शन मालवा मिल चौराहे पर भारत फोटो स्टूडियों के पास इन्दौर ऑफिस पर दबिश दिये जाने पर पाया गया कि उक्त कम्पनी में लगभग 47 कर्मचारियों में 14 महिला एवं 33 पुरूष अपना नाम एवं पहचान छुपाकर लुभावने रिर्टन्स एवं डीमेट अकांउट का झांसा देकर लोगो से राशि जमा करा कर ठगी कर रहे है। टीम द्वारा सेबी के एडवाईजरी नियम 2013 के प्रावधानों के तहत जानकारी प्राप्त करने पर पाया गया कि रेपिड रिसर्च टेक्नॉलाजी के प्रोपायटर अरुण खण्डेलवाल पिता श्याम खंडेलवाल उम्र 35 साल निवासी 9/6 दुध तलाई उज्जैन हाल पता -मकान नंबर 333/7 नन्दानगर इन्दौर द्वारा एन.आय.एस.एम. का सर्टिफिकेशन प्राप्त किया गया है एवं इस सर्टिफिकेशन की आड में 12 वी से लगायत स्नातक तक के कर्मचारियों को नियुक्त कर उन्हे धोखाधडी के लिए प्रशिक्षित किया जाकर उनसे धोखाधडी कराई जा रही है। जांच के दौरान यह भी पाया गया कि अरूण खण्डेलवाल द्वारा उक्त कम्पनी विनोद विश्वकर्मा और जितेन्द्र सराठे को चलाने के लिए दे दी गई थी एवं उनसे इस सर्टिफिकेशन के ऐवज में एक निश्चित राशि प्राप्त की जा रही थी।
आरोपियों का कृत्य दण्डनीय होने से रेपिड रिसर्च टेक्नोलॉजीस की 14 महिलाओं सहित 34 पुरूष कर्मचारियों को हिरासत में लिया जाकर आरोपियों से 48 सेट मॉनीटर कम्प्यूटर की बोर्ड माउस वं हेडफोन तथा 46 नग मोबाईल फोन जप्त किये जाकर परिसर को सीलबन्द किया गया है।
श्री शुक्ला ने बताया कि रेपिड रिसर्च टेक्नॉलाजीस कम्पनी में लगभग 50 लोगो की टीम द्वारा सेबी से पंजीकृत एडवाईजरी होने की आड में अवैद्यानिक गतिविधि की जाकर लोगो के साथ ठगी की जा रही थी। रेपिड रिसर्च टेक्नॉलाजीस कम्पनी का एक अन्य मैनेजर विनोद विश्वकर्मा निवासी नन्दानगर इन्दौर शहर से बाहर होने से फरार रहा है।
गिरफतार आरोपियों में से मात्र 8 आरोपी ही एमबीए तक शिक्षित है जिनके पास भी सेबी के नियमानुसार एन.आय.एस.एम. का सर्टिफिकेशन प्राप्त नहीं है। तथा शेष कर्मचारियों का शैक्षणिक स्तर कक्षा 12 बी.एस.सी बी.कॉम बी.बी.ए बी.ए. इंजीनियरिंग एमकॉम एम.ए. आय.टी.आय. तक शिक्षित है जो इन्दौर के बाहर से जिलो वं अन्य प्रदेशों से आकर इस व्यवसाय में संलिप्त थे जिनके नाम 1 सुनिल नायक पिता दौलतराम नायक 2 सुरेन्द्र पिता रामायण शुक्ला 3 राजु कुमार पिता धनीराम जाटव 4 अनवर कुरेशी पिता जब्बार कुरैशी 5 आकाश परिहार पिता चन्दन सिंह परिहार 6 सोनू पिता संजय गोयल 7 सुहेल खॅॉन पिता उमर खॉन 8 रूपेश सोनी पिता सुनिल सोनी 9 वैशाली पिता धैयपाल सिंह 10 नितेश कुमार पिता नसीब यादव 11 सत्या पिता अभय यादव 12 उदय पिता मनोहर पंवार 13 मुकेश पिता बलराम पंवार 14 मयूरी पिता अमरदीप चौहान 15 राधिका पिता नन्दकिशोर शर्मा 16 रीना मालवीय पिता देवीसिंह मालवीय 17 जय पिता मुकेश गुप्ता 18 शुभम पिता गंगाराम कुमावत 19 मेघा चित्ते पिता प्रकाश चित्ते 20 राजल डांगी पिता शम्भूलाल डांगी 21 श्वेता पिता शम्भूलाल डांगी 22 संदीप सोरी पिता श्रीकृष्ण सिंह 23 मनोज जाटव पिता मानसिंह जाटव 24 ममता प्रजापति पिता हुकुमचंद प्रजापति 25कंवरपाल जाटव पिता जसवंत जाटव 26 धापू बिलोरिया पिता खुमान सिंह 27 अजहर कुरैशी पिता जलालउद्दीन 28 रजनी तिराले पिता हीरालाल 29 रंजीत सिंह बैस पिता रामभगत सिंह बैस 30 मयंक शर्मा पिता सियाराम शर्मा 31 सुषमिता परमार पिता अशोक परमार 32संदीप सोलंकी पिता मनकसिंह सोलंकी 33 शुभम कुमरावत पिता प्रकाश कुमरावत 34 कृष्णा बारासकर पिता हेमराज बारासकर 35 अरशद खान पिता अयुब खान 36 अभिषेक गांवडे पिता अशोक गांवडे 37मनीष गुप्ता पिता कृष्णकुमार गुप्ता 38 शुभम खंडागरे पिता बाबूराव खंडागरे 39 रशमि दिवाकर पिता सुभाष दिवाकर 40 कवलजीत देशमुख पिता जागीरनाथ देशमुख 41 सौरभ प्रसाद पाण्डे पिता जगदीश प्रसाद पाण्डे 42 अमन खंडेलवाल पिता दिपक खंडेलवाल 43 मोनी शर्मा पिता राजेश कुमार शर्मा 44 हारुण खान पिता इशराक खान 45 आकाश यादव पिता ताराचंद यादव 46 विपुल पालीवाल पिता सुनील कुमार पालीवाल 47 अरुण खंडेलवाल पिता श्याम खंडेलवाल 48 जितेन्द्र सराठे पिता सरताज सराठे है।
उल्लेखनीय है कि आरोपी जितेन्द्र सराठे पूर्व में मेक्स इण्डिया रिसर्च कम्पनी में छद्म नाम से कॉलिंग कर धोखाधडी कारित कर रहा था जिसकी तलाश एस.टी.एफ. द्वारा की जा रही थी। जांच के दौरान यह भी पाया गया है कि इस एडवाईजरी के रजिस्ट्रेशन के पीछे भी कोई और है जिसकी जानकारी एकत्र कर कार्यवाही की जावेगी।
श्री शुक्ला ने बताया कि गिरफतार किये गये आरोपियों के विरूद्व थाना एस.टी.एफ. भोपाल में अपराध पंजीबद्व किया गया है। गिरफतार आरोपियों में प्रोपायटर ऐरिया रिलेशनशिप मैनेजर आय.टी. इन्चार्ज एच.आर. मैनेजर टीम लीडर और फलौर पर कार्य करने वाले कर्मचारी है। इस कम्पनी में रिसर्चर के तौर पर कार्य करने वाले अजय जायसवाल के अनुपस्थित रहने पर एसटीएफ द्वारा पृथक से पूछताछ की जावेगी।
श्री शुक्ला ने बताया कि सेबी इन्दौर द्वारा लगभग 100 से अधिक इन्दौर स्थित एडवाईजरी कम्पनियों के द्वारा देशव्यापी स्तर पर लोगो के साथ की जा रही धोखाधडियों की शिकायते एस.टी.एफ. मुख्यालय भोपाल को भेजी गई है जिनकी जांच इन्दौर इकाई में गठित विशेष जांच दल द्वारा की जा रही है। जांच में यह भी पाया गया कि पंजीकृत एडवाईजरी कम्पनियों में काम करने वाले कर्मचारियों द्वारा ही इस व्यवसाय से होने वाली आकर्षक आय को देखते हुए फर्जी नाम से एडवाईजरी कम्पनियां बनाई जाकर देशव्यापी लोगो से लगभग 2 करोड से ज्यादा की धोखाधडी होना प्रकाश में आया है।
आरोपियों की गिरफतारी में एस.टी.एफ. इकाई के निरीक्षक गोपाल सूर्यवंशी उप निरीक्षक श्यामकिशोर त्रिपाठी सहायक उप निरीक्षक अमित दीक्षित प्र.आर. झनकलाल पटेल आर. विवेक द्विवेदी विराट यादव राहुल रमनवाल आशीष मिश्रा शुभम कटारे रविन्द्र कुन्तल और आरक्षक चालक देवेन्द्र सिंह की प्रमुख भूमिका रही है।
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