शक्ति मन्दिर में लगा छप्पन भोग कृष्ण की बाल लीलाओं से भावविभोर हुए भक्तजन
भोपाल। स्थानीय ओल्ड सुभाषनगर में शक्ति उत्सव समिति के तत्वावधान में हो रही श्रीमद् भागवत कथा एवं ज्ञानयज्ञ में पांचवें दिन व्यास पीठ पर विराजमान भागवताचार्य पं. विवेक महाराज ने श्रीकृष्ण लीला का भावपूर्ण वर्णन करते हुए श्रोताओं को प्रेम, वात्सल्य और भक्ति रस में भिगोकर मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का प्रत्येक रूप मनोहारी है। उनका बालस्वरूप तो इतना मनमोहक है कि वह बचपन का एक आदर्श बन गया है। इसीलिए जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण के इसी रूप की पूजा अर्चना की जाती है जिसमें वे चुराकर माखन खाते हैं, गोपियों की मटकी तोड़ते हैं और खेल खेल में पूतना आदि असुरों का सफाया भी कर देते हैं।
कथा में भागवताचार्य ने बताया कि किस तरह कृष्णजी ने गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठा अंगुली पर उठाकर ब्रजवासियों को वर्षा के प्रकोप से बचाया और इंद्र के अहंकार को तोड़ा। वे सात दिन तक पर्वत को उठाए भूखे प्यासे खड़े रहे। सात दिन बाद जब ब्रजवासी बारिश से राहत पाकर बाहर निकले तो यशोदा मैया ने अपने कान्हा के लिए 56 भोग तैयार किए और प्रेमपूर्वक खिलाए। कथा में इस प्रसंग को दर्शाया गया।
रविवार को होगा रुक्मिणी विवाह-
आयोजक समिति की सचिव श्रीमती मंजूश्री बारकिया के अनुसार श्री शक्ति मंदिर परिसर में चल रही इस कथा में लगातार भक्तों की भीड़ बढ़ती जा रही है। श्रद्धालु भी बड़े ही भक्तिभाव से कथा का श्रवण कर रहे हैं। कथा प्रतिदिन अपरान्ह 3 बजे से 6 बजे तक हो रही है जो पूर्णाहुति के साथ 26 अगस्त सोमवार को विराम लेगी। इससे पूर्व 25 अगस्त रविवार को कथा में रुक्मिणी विवाह का प्रसंग होगा। उन्होंने सभी श्रद्धालु भक्तजनों से कथा श्रवण करने के लिए शक्ति मंदिर पहुंचने का आग्रह किया है।
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