दोज़ख से देख सको तो देखों चर्चिल तुम्हारी ब्रिटेन पर भारत का कब्जा हो गया
दोज़ख से देख सको तो देखों चर्चिल तुम्हारी ब्रिटेन पर भारत का कब्जा हो गया !
भोपाल -- रामभुवन सिंह कुशवाह (वरिष्ठ पत्रकार)
जब भारत अंग्रेजों का गुलाम था तब ग्रेट ब्रिटेन के प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल तत्कालीन समय में विश्व के बड़े नेताओं में शुमार हुआ करते थे परंतु भारत के बारे में उनकी धारणा अत्यंत ओछी और खराब हुआ करती थी। वे कहा करते थे कि “इंडियन जानवर जैसे लोग हैं और उनका धर्म भी पशुओं जैसा है।” वह हमारी आजादी के संघर्ष को व्यर्थ मानता था कि कहा करता था –यदि इंडिया स्वतंत्र हुआ तो सत्ता दुष्टों, बदमाशो और लुटेरो के हाथो में चली जाएगी। भारत के सभी नेता ओछी क्षमता वाले और भूसा किस्म के व्यक्ति होंगे। उनकी ज़बान मीठी होगी लेकिन दिल निकम्मे होंगे। वे सत्ता के लिए एक दूसरे से लड़ेंगे और इन राजनितिक झड़पों में भारत का खातमा हो जाएगा। एक दिन आएगा जब भारत में हवा और पानी पर भी टैक्स लगा दिया जाएगा। ” उसने महात्मा गांधी के आमरण अनशन पर कहा था कि नंगा फकीर मरता है तो मर जाने दो।
यद्यपि चर्चिल की यह धारणा उस समय के कतिपय कांग्रेसियों के व्यवहार के कारण शायद बनी होगी और ऐसे कुंठित व्यक्ति को निश्चित ही नर्क मिला होगा। यदि वह नर्क से देख सकते हो तो देखले भारत की आजादी के 72 वर्ष बाद उसके देश में हम भारतवंशियों का एक तरह से कब्जा सा हो गया है। अभी हाल में यूनाइटेड किंगडम( ग्रेट ब्रिटेन) के जो प्रधानमंत्री बने हैं वे बोरिस जॉनसन भारतीय मूल के हैं। न्यूयॉर्क शहर में उच्च-मध्यम वर्ग के ब्रिटिश परिवार में जन्मे जॉनसन ने पत्रकारिता में अपना करियर शुरू किया और बाद में राजनीति में आ गए थे। २०११ में हेनले से वो ब्रिटेन में चुनाव जीते थे ।
उनके मंत्रिमंडल में गृहमंत्री जो बनीं हैं वे गुजरात मूल की प्रीति पटेल हैं। दो अन्य प्रमुख मंत्रियों में 38 वर्षीय ऋषि सुनाक इन्फोसिस के सह संस्थापक और भारत के प्रमुख अर्थ चिन्तक नारायण मूर्ति के भांजे हैं खजाना मंन्त्री तथा 51 साल के आलोक शर्मा का जन्म आगरा में हुआ था, , भी भारत मूल के हैं। उन्हें विदेश मंत्री बनाया गया है।
सबसे बड़ी बात और जिनके नाम की ख़ासी चर्चा हो रही है। वे हैं कुलवीर रांगड़। कुलवीर जो बोरिस जॉनसन के क़रीबी दोस्त और समर्थक हैं। वे भारतीय मूल के सिख हैं।उनका जन्म लंदन में ही हुआ था। वे पहले भी बोरिस जॉनसन के डिजिटल सलाहकार के तौर पर काम कर चुके हैं। कुलवीर हालाकि अभी सांसद नहीं हैं लेकिन मई 2016 में जब बोरिस जॉनसन मेयर का चुनाव जीते तो उन्होंने कुलवीर को ट्रांसपोर्ट पॉलिसी के निदेशक बनाया था। 44 साल के कुलवीर रांगड़ के पास लंदन में ओयस्टर कार्ड सिस्टम को लागू करने का अनुभव है। इसलिए माना जा रहा है कि बोरिस उन्हें चुन सकते हैं। फ़िलहाल वो एटोस यूके एंड आई कंपनी में वरिष्ठ वाइस प्रेसिडेंट के तौर पर काम कर रहे हैं।
नए प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अपने कैबिनेट में जिन्हें गृहमंत्री बनाया है। वह ब्रिटेन में भारतीय मूल की पहली महिला गृहमंत्री हैं। प्रीति पहले भी टेरीजा मे सरकार में शामिल थीं लेकिन इजराइल के साथ गुप्त बैठकें करने के आरोप के कारण उन्हें त्यागपत्र देना पड़ा था। प्रीति कंजरवेटिव पार्टी नेतृत्व के लिए 'बैक बोरिस' अभियान की प्रमुख सदस्य थीं। गुजराती मूल की नेता प्रीति ब्रिटेन में भारतीय मूल के लोगों के सभी प्रमुख कार्यक्रमों में अतिथि होती हैं। वह भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बड़ी प्रशंसक भी हैं। प्रीति पटेल ने कहा, 'हम अपने देश को सुरक्षित रखने के लिए, अपने लोगों को सुरक्षित रखने के लिए और अपराधों से लड़ने के लिए अपनी पूरी शक्ति लगाएंगे। मैं आगे आने वाली चुनौतियों का इंतजार कर रही हूं।
निश्चित ही यूनाइटेड किंग्डम में हुये महत्वपूर्ण परिवर्तन में उन भारतीय मूल के ब्रिटेन नागरिकों की निष्ठा , सेवा और लोकप्रियता को ही श्रेय जाता है किन्तु इस प्रकार के मौलिक परिवर्तन में भारत के प्रति विश्व के नजरिये को भी अनदेखा नहीं किया जा सकता। विशेषकर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बेदाग, ईमानदार वैश्विक छबि और उनके उदार विचार भी कहीं न कहीं प्रभावित करते नजर आ रहे हैं। यह उसी समय सार्वजनिक होने लगा था जब नरेंद्र मोदी पहली बार प्रधानमंत्री बनने के बाद ब्रिटेन के दौरे पर थे और महारानी ने सभी मान्य परंपराओं को तोडकर राजमहल के बाहर आ कर उनका स्वागत किया था और हाथ के ग्लोब उतार कर उनसे हाथ मिलाया था। यह शायद ही पहले कभी हुआ हो कि महारानी ने ग्लोब उतारकर किसी से हाथ मिलाया हो।
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